जिनका नाम है प्रोफेसर धर्मपाल जी जिनका जीवन यूरोप में 40 वर्ष पढ़ाने में बीता

एक बहुत मशहूर प्रोफ़ेसर रहे हैं यूरोप में जिनका नाम है प्रोफेसर धर्मपाल जी जिनका जीवन यूरोप में 40 वर्ष पढ़ाने में बीता| भाई राजीव जी के वे परिचित थे| एक दिन भाई राजीव जी ने उनसे पूछा कि हमारे देश के युवा बाहर जाने को इतने लालायित क्यों रहते हैं और ऐसा क्या है विदेशों में जो हमारे यहाँ नहीं है? प्रोफेसर जी ने उत्तर दिया कि जब कोई जाति किसी दूसरी जाति को ठीक तरह से नहीं जानती होती तो वह या तो उससे आतंकित रहती है या प्रभावित रहती है| भारत के सन्दर्भ में, यहाँ की जाति पश्चिम से बुरी तरह प्रभावित है इसीलिए हर कोई चाहता है कि वह बाहर जा कर बस जाए लेकिन मूल में सच्चाई कुछ और ही होती है! इस पर भाई राजीव जी ने बाद में कई दस्तावेजों को लेकर अध्ययन किया और कुछ बातें उनकी समझ में आयीं| उन्होंने यूरोप के दार्शनिकों का अध्ययन किया और पता लगाया कि उनके दर्शन का यूरोप की सभ्यता पर क्या प्रभाव पड़ा| जब इन तथ्यों का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि ये तथ्य किसी भी भारतीय को बुरी तरह चौंका देने की क्षमता रखते हैं!

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